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डुबोया होने ने , न होता तो क्या होता

Posted by हारिल On Monday, June 13, 2016 0 comments
गुंजेश  1 तुम जवाब मत दो मैं सवाल भी नहीं करूंगा मेरा और तुम्हारा रिश्ता बादल और धूप का हो लोग, एक की उपस्थिती में दूसरे को चाहें 2 अरसा हो गया तुमसे मिले हुए अब तो तुम्हें याद भी नहीं होगा कि आखरी दिन मैंने शेव किया था या नहीं आखरी दिन तुमने कौन से रंग का सूट पहना था अब कुछ ठीक से याद नहीं पड़ता वैसे भी, कितने तो रंग पहन लेती थी एक साथ इसलिए याद नहीं अब कोई भी एक तुम मेजेंटा कहो, पर्पल कहो मुझे तो सब आसमानी लगते...